स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: डायबिटीज अब एक कॉमन बीमारी के रूप में सामने आ रही है, जिसका शिकार बड़ों के साथ कम उम्र के लोग भी हो रहे हैं। कुछ मामलों में टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। कई बार बाहर से इंसुलिन लेने से शरीर को उसकी आदत हो जाती है जिसे लाइफलॉन्ग लेना पड़ सकता है। टाइप-2 डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डायबिटीज है जिसे बिना इंसुलिन के मैनेज किया जा सकता है।
ओरल मेडिकेशन: टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन की बजाए ओरल मेडिकेशन ली जा सकती है। हेल्थलाइन के अनुसार ओरल मेडिकेशन लेने से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। दवाओं से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता और इसकर आदत भी नहीं पड़ती।
लाइफस्टाइल में बदलाव: डायबिटीज को मैनेज करने में लाइफस्टाइल का अहम रोल होता है। यदि व्यक्ति की लाइफस्टाइल अच्छी है तो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों को संतुलित डाइट फॉलो करनी चाहिए। साथ ही खाना खाने का समय निर्धारित करना चाहिए जिससे पेट अधिक देर तक खाली न रहे। इसके अलावा प्रतिदिन 30 मिनट एक्सरसाइज के लिए निकालना बेहद जरूरी है।
करें मोटापे को कंट्रोल: डायबिटीज बढ़ने का एक कारण मोटापा भी हो सकता है इसलिए वेट को कंट्रोल करना जरूरी है। मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज और डाइट का सहारा लिया जा सकता है। मोटापा कम करने के लिए कैलोरी इंटेक कम किया जा सकता है।