एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में देहदान की प्रक्रिया अब और कठिन हो जाएगी, क्योंकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सख्त मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू करने का फैसला किया है। हाल के दिनों में कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में दान के बाद की जटिलताओं से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है। एसओपी में पहला बदलाव यह होगा कि कोई भी राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल किसी तीसरे पक्ष या स्वैच्छिक संगठन के माध्यम से दान किए गए व्यक्ति के शरीर को स्वीकार नहीं करेगा।
सूत्रों के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में देहदान से संबंधित एसओपी में बदलाव के कुछ प्रस्तावों पर हाल ही में हुई एक बैठक में विचार किया गया है। उन्होंने कहा है कि , "जीवनसाथी, रिश्तेदार या किसी करीबी रिश्तेदार या रक्त संबंध को उपस्थित होना होगा, जबकि शव को मृत्यु प्रमाणपत्र और उस व्यक्ति के पूर्व प्रतिज्ञा घोषणा दस्तावेजों के साथ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के शरीर रचना विज्ञान विभाग को सौंपना होगा। जिसका शरीर दान किया जा रहा है किसी भी सरकार द्वारा प्रदान किए गए फोटो-पहचान पत्र की प्रतियां, जैसे आधार कार्ड या ईपीआईसी कार्ड या मृत व्यक्ति और हैंडओवर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति, दोनों के पासपोर्ट भी उस अस्पताल के अधिकारियों के पास जमा करने होंगे, जहां शरीर दान किया जाएगा।