स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: मई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को "पिंजरे का तोता" के रूप में वर्णित किया था। सीबीआई के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप पर एक बहस छेड़ दी थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो को केंद्र सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के बिना वैधानिक दर्जा देने वाला कानून बनाने पर सोच-विचार करने को कहा क्यों कि इस से केंद्रीय जांच ब्यूरो के स्वायत्तता सुनिश्चित होगी। उच्च न्यायालय ने कहा कि स्वायत्तता तभी सुनिश्चित होगी जब एजेंसी को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) और चुनाव आयोग (इसी) की तर्ज पर वैधानिक दर्जा दिया जाएगा। सीएजी केवल संसद के प्रति जवाबदेह है और चुनाव आयोग की तरह सीबीआई के लिए भी स्वतंत्रता होनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक यह "पिंजरे में बंद तोते को रिहा करने" के प्रयास के तहत सीबीआई के कामकाज में सुधार के लिए अदालत द्वारा जारी निर्देशों का एक हिस्सा था।