आसनसोल नगर निगम के मेयर को सौंपा गया ज्ञापन

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आसनसोल नगर निगम के मेयर को सौंपा गया ज्ञापन

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: वामपंथी संगठन सीटू की तरफ से आज रानीगंज बोरो कार्यालय के जरिए आसनसोल नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के जरिए नगर निगम के कर्मचारियों का बकाया डीए का भुगतान अस्थाई श्रमिकों के स्थायीकरण रिक्त पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति नगर निगम के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि और मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी की मांग की गई। इसके साथ ही स्ट्रीट हॉकर्स को लाइसेंस देने की भी मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि 2014 में कानून बना था कि स्ट्रीट और कस को 3 साल के अंदर लाइसेंस देना होगा लेकिन अभी तक पश्चिम बंगाल में यह नहीं हुआ है। इसी के खिलाफ आज ज्ञापन सौंपा गया। इसे लेकर जब हमने रानीगंज बोरो प्रभारी और आसनसोल नगर निगम के एमएमआईसी दिव्येंदु भगत से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन तीन मांगों को लेकर आज से 2 की तरफ से ज्ञापन दिया गया उन पर पहले से ही विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का ज्ञापन इस बात का परिचायक है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र कितना मजबूत है। उन्होंने कहा कि जहां तक बकाया डीए की बात है। वह राज्य सरकार के अधीन आता है। उस पर फैसला राज्य सरकार को करना है। वही स्ट्रीट हॉकर्स को लेकर उन्होंने कहा कि उनको पहले ही लाइसेंस देने के बारे में फैसला लिया गया है और उनके लिए लोन की व्यवस्था की जाएगी 20000 से शुरू करके उनको लोन मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में निम्न मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग सभी के लिए विभिन्न परियोजनाएं हैं। जिनका लाभ यहां की जनता उठा रही है। कोई यह नहीं कह सकता कि उसे राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। वही सीटू नेता दिव्येंदु मुखर्जी ने कहा कि आज जब वह लोग ज्ञापन सौंपने आए थे, तब बोरो प्रभारी गुसल खाने में थे। इसी से पता चलता है कि यहां का विकास गुसल खाने में कैद हो गया है। उन्होंने कहा कि आसनसोल नगर निगम के कर्मचारियों को बकाया डीए देना होगा यह उनका अधिकार है। इसके साथ ही जो भी अस्थाई श्रमिक हैं उनको स्थायीकरण करना होगा। वही मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की भी उन्होंने वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर यह सब मांगे नहीं मानी गई, तो आने वाले समय में बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे। वही स्ट्रीट हॉकस को लाइसेंस दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह उनका अधिकार है उनको भी नहीं दिया जा रहा है। 2014 में इसको लेकर कानून पास हो चुका है। 13 राज्यों में स्ट्रीट हॉकर्स को लाइसेंस दिया जा चुका है। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार हिला हवाले कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले समय में सीटु और बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा।