आदिवासी महिलाएं पुरुषों ने जामुड़िया थाना में किया बवाल

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आदिवासी महिलाएं पुरुषों ने जामुड़िया थाना में किया बवाल

टोनी आलम,एएनएम न्यूज: गुरूवार को ही सैकड़ों आदिवासी महिलाएं पुरुषों ने अमीन का काम करने वाले बादल मुर्मू पर 21 दिसंबर को हुए कथित जानलेवा हमले का विरोध करते हुए जामुड़िया थाना में बवाल काटा था जिसमे थाना के मुख्य द्वार को क्षतिग्रस्त किया गया था। इतना ही नहीं इन लोगों ने थाना परिसर में घुसकर हंगामा किया था। आंदोलनकारियों की माग थी कि बादल मुर्मू पर कातिलाना हमला करने वालों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। लेकिन एक दिन बाद ही जामुड़िया पुलिस ने सच्चाई से पर्दा हटा दिया और बादल मुर्मू के ऊपर हुए हमले की झूट का पर्दाफाश करते हुए जिला अस्पताल एवं रॉयल केयर अस्पतालो के दस्तावेज जारी कर उसके गंभीर रूप से घायल नहीं होने का पर्दाफाश कर दिया।

थाना प्रभारी ने कहा कि बादल मुर्मू पर कोई हमला नहीं किया गया था। वह जानबूझकर पुलिस प्रशासन को बदनाम करने के लिए आसनसोल जिला अस्पताल में 21 दिसम्बर को भर्ती हो गया था जहाँ चिकित्सकों ने उसे एक दिन बाद ही छुट्टी दे दी। उसके बाद उसने पुलिस को फिर से बदनाम करने के लिए गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर 27 दिसंबर को रानीगंज स्थित रॉयल केयर अस्पताल में भर्ती हो गया जहाँ चिकित्सकों ने फिर से अच्छे स्वास्थ्य का हवाला देते हुए दूसरे दिन आज अस्पताल से छुट्टी दे दिया।

अब जामुड़िया थाना पुलिस उस पर कानून व्यवस्था को भंग करने जामुड़िया थाना परिसर में उपद्रव कराने की साजिश रचने का मामला दर्ज करने का कार्य करने जा रही है इस बारे में जब पत्रकारों ने रानीगंज के रॉयल केयर अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी सह अस्पताल के कार्यकारी सुमंत कुमार चटर्जी से बादल मुर्मू के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त कर का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि बादल मुर्मू उनके अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत कर अस्पताल में भर्ती हुआ था उसके इलाज में कोई अधिक गंभीरता नही देखी गई थी उसने सायद अधिक शराब का सेवन किया था जिसकी वजह से उसे पेट में दर्द की शिकायत थी उसे आज ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई