आसनसोल ब्यूरो, एएनएम न्यूज़ : एक पिता को अपनी पुत्री की बीमारी ने ऑक्सीजन का ऐसा महत्व समझा दिया कि वे पर्यावरण प्रेमी हो गए। साथ ही उन्होंने भविष्य में वातावरण को स्वच्छ करने के लिए पौधा बांटने और पेड़ लगाने का संकल्प ले लिया। ये पर्यावरण प्रेमी पिता है बराबनी निवासी समर चंद्र कर। जो एक सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया की कुछ दिन पहले उनकी पुत्री गर्भवती थी। उसका ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया। इस दौरान वह कोमा में चली गई। तब ऑक्सीजन देकर जिंदा रखा उसे में इलाज के लिए कोलकाता और फिर सीएमसी वेल्लोर ले गया। तब मैंने ऑक्सीजन का महत्व समझा कि जीवन में ऑक्सीजन का क्या महत्व है। इसके बाद वेल्लोर में जब वह अच्छी हुई। तब बिना ऑक्सीजन दिए यहां लाया। उस दिन से मैंने यह संकल्प लिया की बहुत ऐसे गरीब है। जो ऑक्सीजन मुहैया नहीं करा सकते। इसलिए वातावरण में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में हो इसके लिए मैं उस दिन से यह प्रण किया कि मैं पेड़ लगाऊंगा और पौधा वितरण करूंगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधा लग सके। कम से कम मानवता के लिए मेरा यह सार्थक कदम होगा। अब तक मैंने एक हजार से अधिक फलदार पौधा वितरण कर चुका हूं और फूल की पौधा कि कितना वितरण किया हूं। इसकी संख्या मैं भूल चुका हूं। उस दिन से मैं अपने बागान जितने भी पौधे को लगाया। मैं उसे पुत्रवत सेवा करता हूं। ताकि ये पौधा वातावरण में इतना ऑक्सीजन दे कि फिर कोई पिता अपने संतान के लिए ऑक्सीजन की कमी महसूस ना करें। हर कोई एक पेड़ अपने लिए लगाता। तो हमें जो ऑक्सीजन की कमी की खबर मिली या नहीं मिलती। क्योंकि सभी कोई यदि एक पेड़ लगाएंगे। तो वातावरण स्वच्छ रहेगा। प्राकृतिक हरी भरी रहेगी जिससे हमें इस वक्त वायु मिलेगी और ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। आप समर बाबू के मुंह से ही सुनिए कि किस तरह एक पिता को पुत्री की कष्ट ने पर्यावरण प्रेमी बना दिया।