स्टॉफ रिर्पोटर, एएनएम न्यूज़: आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई इसका आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। केंद्र ने मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने के मुद्दे को भी खारिज कर दिया है। जिसकी शुरुआत राजनीतिक दबाव से हुई है। लॉकडाउन के दौरान घर के रास्ते में कितने प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु हो गई? मोदी सरकार आंकड़े नहीं दे सकी। कोविड में अकेले ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की मौत हुई? केंद्र यह भी नहीं कह सका। और बुधवार को संसद सत्र में केंद्र सरकार ने कहा कि सरकार के पास इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि 1 साल के लंबे आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई। अतः इस संबंध में वित्तीय सहायता का प्रश्न ही नहीं उठता। केंद्रीय कृषि और किसान विकास मंत्रालय ने बुधवार को कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर चौधरी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। जिसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।