स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने बताया कि एयर इंडिया को अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर विमान निर्माता कंपनी बोइंग को 43.85 करोड़ रुपए का जुर्माना देना पड़ा। हलाकि, एयर इंडिया इससे बचा जा सकता था। मंगलवार को कैग की संसद में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया ने जुर्माने की इस रकम का भुगतान अगस्त 2020 में किया था।
सूत्रों के मुताबिक कैग ने बताया है कि विमानों से हटाए गए उपकरणों को लौटाने में देरी होने के कारण एयर इंडिया को यह जुर्माना देना पड़ा जबकि इससे बचा जा सकता था। दिसंबर 2015 में एयर इंडिया ने बोइंग के साथ एक करार किया था जिसमें 787 विमान कलपुर्जों की सर्विसिंग का प्रावधान था। इसके तहत एयर इंडिया को विमानों से निकाले गए कलपुर्जे बोइंग को नए पुर्जों की आपूर्ति के 10 दिनों के भीतर वापस करने वाले थे। लेकिन ऐसा नहीं करने पर उसे बोइंग को जुर्माना देना पड़ा।