टोनी आलम, एएनएम न्यूज : पीएचई (PHE) व निगम की लगातार बदहाली से जामुड़िया (Jamuria) के हिजलगोरा (Hijalgora) क्षेत्र में भीषण जलसंकट। करीब छह हजार निवासी पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। तालाब और कुओं के पानी के उपयोग से विभिन्न जल जनित रोग बढ़ रहे हैं। आईसीडीएस कर्मियों को तालाब के अशुद्ध पानी का उपयोग करना पड़ रहा है। जामुड़िया विधानसभा के हिजलगोरा गांव के निवासियों ने कल पुराना बाजार स्थान पर सड़क जाम कर विरोध जताया। मामला गरमाता देख भारी पुलिस बल तैनात किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में पिछले चार साल से पानी की किल्लत है और पीएचई के पानी की सप्लाई अनियमित ढंग से की जाती थी। लेकिन पिछले 15 दिनों से पानी बिल्कुल नहीं आ रहा है। नतीजतन, गांव के कई हजार निवासी गंभीर जल संकट में पड़ गए हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में लगभग दस आईसीडीएस केंद्र हैं। इनमें आईसीडीएस कर्मी 9 आईसीडीएस केंद्रों में पानी की कमी के कारण खाना बनाने से लेकर पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। अब तक वे गांव के अन्य रहवासियों से पानी लाकर बच्चों को पकाकर खा रहे हैं। लेकिन उन रहवासियों के घरों में भी पानी नहीं होने से उन्होंने पानी देना बंद कर दिया। इस भीषण गर्मी में पानी के अभाव में छात्र-छात्राएं बीमार हो रहे हैं। हिजलारा बसी शेख राखल ने शिकायत की है कि पीएचई के पानी की सप्लाई अजय नदी से होती है लेकिन हिजलगोरा गांव से पहले पाथरचूर समेत कई गांवों के कुछ लोग पानी की मुख्य लाइन तोड़कर खेती कर रहे हैं। नतीजतन, उनके क्षेत्र में पानी का संकट है। हिजलगोरा ग्राम पंचायत के उप प्रधान शेख फटिक ने कहा कि अजय नदी पर बने दरबार डांगा जलाशय में जल स्तर कम होने से अधिकांश भूमिगत जल पंप काम नहीं कर रहे हैं। साथ ही पीएच द्वारा नियुक्त सभी कर्मचारी ठीक से पानी का वितरण नहीं कर रहे हैं।