स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: हिमाचल प्रदेश का मलाना गाँव। मलाना एक प्राचीन भारतीय गाँव है जिसे अलेक्जेंडर महान द्वारा 326 ईसा पूर्व में बसाया गया था। उस समय के कुछ घायल सैनिक जो यहाँ रूक गए थे उन्हें ही मलाना के लोग अपना पूर्वज मानते हैं। इन ग्रामीणों को ‘मुझे मत छुओ’ उपनाम से भी जाना जाता है क्योंकि इनके सामान को छूने की अनुमति किसी को नहीं है। यहाँ तक कि लोगों को इस गांव की सीमाओं को पार करने की भी अनुमति नहीं है। यहां लगाए गए नोटिसों में लिखा गया है कि अगर बाहरी लोगों ने यहां की किसी भी चीज को छुआ तो उन्हें 1,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। ये जुर्माना 2,500 रुपये तक लगाया जा सकता है। इस गाँव की भाषा ‘कंशी’ है, जो पवित्र मानी जाती है और बाहरी लोग इस भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा बाहरी व्यक्तियों को वे अपने मंदिरों में प्रवेश की अनुमति भी नहीं देते हैं क्योंकि ग्रामीण बाहरी व्यक्तियों को अछूत मानते हैं। मलाना जलविद्युत स्टेशन नामक एक बांध परियोजना इस गाँव को बाकी दुनिया के करीब लाया है और यह परियोजना इस क्षेत्र में राजस्व प्राप्ति का एकमात्र स्रोत है।