एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने दिया इस वक्त का बड़ा संदेश। उन्होंने कहा, ''यह पूरा तथाकथित पॉपकॉर्न विवाद वास्तव में इस सरकार की मूल नीति का प्रतीक है, जो कॉरपोरेट्स को छूट देना, कॉरपोरेट्स के लिए कर दरों को कम करना, कॉरपोरेट्स द्वारा लिए गए बैंक ऋणों की उदार छूट देना है। दूसरी और अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि, जिनमें से सबसे बेतुका है जीएसटी स्लैब। जिसमें से यह तथाकथित पॉपकॉर्न विवाद प्रतीकात्मक है। यह शर्म की बात है कि भारत सरकार ऐसी नीतियां अपना रही है जो आम घरों के बजट को लक्ष करती हैं।''