स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : सबको बेसब्री से इंतजार है कि क्या एक बार विक्रम लैंडर(vikram lander) और प्रज्ञान रोवर(pragyan rover) काम करना शुरू कर देंगे। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सुबह होने वाली है और इसका मतलब यह है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को सूरज (sun) की गर्मी से ऊर्जा (energy) मिलने लगेगी। इसरो (ISRO) का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी दोनों के सोलर पैनल पर पड़ने से काम करना शुरू करेंगे। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के रिसीवर ऑन मोड में है। दूसरे उपकरण बंद रखे गए हैं। 22 सितंबर को विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश होगी क्योंकि तब तक सोलर पैनल चार्ज हो जाएंगे। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोशनी अब अगले 14 से 15 दिन तक रहने वाली है।