स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन नेताओं का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है, उनमें एक नाम है- नेताजी सुभाषचंद्र बोस। 23 जनवरी 1897 को जन्मे नेताजी सुभाषचंद्र बोस को पूरा देश याद करता है।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्मदिन इस बार पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस समारोहों की आज से शुरुआत हो जाएगी।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1913 में कोलकाता के प्रेसिडेंट कॉलेज में दाखिला लेकर पढ़ाई की शुरुआत की थी।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1915 में इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी।
- एक ब्रिटिश प्रोफेसर के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में नेताजी सुभाषचंद्र बोस को 1916 में निलंबित कर दिया गया था।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने वर्ष 1917 में स्कॉटिश चर्च कॉलेज में फिलासफी ऑनर्स में दाखिला लिया था।
- वर्ष 1919 में फिलासफी ऑनर्स में प्रथम स्थान से पास होने के बाद वह आइसीएस की परीक्षा देने के लिए इंग्लैंड चले गए थे।
- वर्ष 1920 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजी विषय में सबसे अधिक अंक के साथ आइसीएस की परीक्षा पास की थी। उन्हें चौथा स्थान मिला था।
- वर्ष 1920 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंब्रिज विश्वविद्यालय की डिग्री से नवाजे गए।
- वर्ष 1921 में ब्रिटिश सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को गिरफ्तार कर लिया था। अगस्त 1922 में वह जेल से छूटे थे।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस देशबंधु चितरंजन दास की अगुवाई में स्वराज दल में शामिल हो गए थे।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस भारतीय युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और बंगाल कांग्रेस के सचिव भी रह चुके थे।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने देशबंधु चितरंजन दास की पत्रिका फॉरवर्ड का संपादन कार्य भी किया था।
- वर्ष 1927 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ कांग्रेस के वह साधारण सचिव बनाए गए थे।
- वर्ष 1930 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस जेल में रहने के दौरान कोलकाता नगर निगम के मेयर चुन लिए गए थे।
- वर्ष 1932 से 1936 के बीच नेताजी सुभाषचंद्र बोस भारत की आजादी के लिए विदेशी नेताओं से मिलने के लिए विश्व भ्रमण करते रहे।
- भारत की आजादी के लिए इटली में मुसोलिन, जर्मनी में फील्डर, आयरलैंड में वालेरा और फ्रांस में रुमाल से उन्होंने मुलाकात की थी।
- 23 मार्च को भगत सिंंह को फांसी दे दी गई। इस बात को लेकर महात्मा गांधी से उनके मतभेद हो गए थे।
- आज भी टाटा स्टील कंपनी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की पहल के कारण ही मजदूर कभी हड़ताल पर नहीं जाते हैं।