भारतीय राइफल शूटर को नहीं रोक पाई शारीरिक बाधा, ‘लक्ष्य’ पर डटी रहीं अवनि लेखरा

अवनि लेखरा टोक्यो पैरालिंपिक में पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

author-image
Ankita Kumari Jaiswara
New Update
10 avni

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पेरिस ओलंपिक अभी-अभी समाप्त हुए हैं। पैरालंपिक में भी कुछ ही दिन बचे हैं। इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी भले ही विशेष रूप से सक्षम हों, लेकिन उनकी सफलता देश के लिए गर्व की बात है। अवनि लेखरा ने पैरालंपिक पैराशूटिंग स्पर्धा में भारत को गौरवान्वित किया है। अवनि लेखरा भारत की जानी-मानी पैरा ओलंपियन और राइफल शूटर है।

साल 2020 पैरा ओलंपिक में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिग में स्वर्ण पदक और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक देश के नाम किया। साथ ही, अवनि लेखरा टोक्यो पैरालिंपिक में पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अवनि लेखरा को 2022 में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2012 में, 11 साल की उम्र में एक कार दुर्घटना ने उन्हें पूरी तरह से पैरालिसिस से ग्रसित कर दिया। हादसे के बाद जब अवनि का मनोबल टूटने लगा। तब अवनि के पिता ने उन्हें पैरा खेलों की तरफ जाने के लिए प्रोत्साहित किया। अवनि के पिता चाहते थे कि वो तीरंदाजी में हिस्सा लें। लेकिन अवनि को शूटिंग में अपना करियर नजर आया। इस लड़ाई में अवनि को अपने साथ कोच सुमा शिरूर का साथ मिला है। वह एक अर्जुन पुरस्कार विजेता भारतीय निशानेबाज हैं। अंत में यही कहना है कि जीवन में चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं, आसमान में खड़े होने का नाम ही असली सफलता है। भारतीय पैरालिंपियन और राइफल शूटर अवनि लेखरा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया।