एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : माओवादियों के शासन में भगवान श्री राम का मंदिर 21 वर्षों तक बंद रहा। जानकारी के मुताबिक माओवादी राम मंदिर को भी मिट्टी में मिला देना चाहते थे। आखिरकार रामनवमी से ठीक पहले उस राम मंदिर के दरवाजे खुल गए। छत्तीसगढ़ के सुकमा के राम मंदिर के दरवाजे खुलते ही एक बार फिर स्थानीय श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और मूर्ति की सफाई के बाद फिर से पूजा शुरू हुई।
यह मंदिर सुकमा के केरलापेंडा गांव में स्थित है। एक समय भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की पूजा बड़े धूमधाम से की जाती थी। लेकिन जैसे-जैसे माओवादी गतिविधियां धीरे-धीरे बढ़ती गईं, मंदिर ही माओवादियों का गुप्त ठिकाना बन गया। लोगों को माओवादियों ने उस मंदिर के किनारे कदम नहीं रखने का आदेश दिया। 2003 के बाद से गांव का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं जाता था और इस लिए मंदिर में पूजा भी बंद हो गई थी।