स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बिजली की मांग चार दशक के उच्चतम स्तर पर है। वहीं आयातित कोयले पर आधारित 43 फीसदी से ज्यादा विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद पड़ी हैं। करीब एक दशक के सबसे गहरे बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आपातकालीन प्रावधान लागू किए हैं। इसके तहत कोयला आयात से लेकर घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और कोयले को संयंत्रों तक समय पर पहुंचाने के लिए हर मोर्चे पर युद्धस्तर पर जुटी है। विद्युत मंत्रालय ने बताया कि सरकार आयातित कोयले से बिजली बनाने वाली बंद पड़ी विद्युत उत्पादन इकाइयों को फिर शुरू करने जा रही है, साथ ही बंद खदानों से कोयला भी निकाला जाएगा। इन खदानों में अब भी करीब 3800 लाख टन कोयला मौजूद है। वहीं, मंत्रालय के सचिव एके जैन ने बताया आगामी दो-तीन वर्ष में कोयला उत्पादन 750-1,000 लाख टन तक बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर बताया कि 20 बंद पड़ी कोयला खदानों से फिर से उत्पादन शुरू करने का फैसला किया गया है।