महाभारत काल से जुड़ी छठ पूजा की कथा

author-image
New Update
महाभारत काल से जुड़ी छठ पूजा की कथा

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा से जुड़ा यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत अब देश के कोने-कोने में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परिवार की सुख-समृद्धि और संतान के सौभाग्य के लिए की जाने वाली छठ पूजा में व्रती को कठिन नियमों को पालन करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि जीवन से जुड़ी सभी कष्टों को दूर और कामनाओं को पूरा करने वाला यह व्रत कब और किसने शुरु किया।

मान्यता है कि पांडव जब अपना सारा राजपाट जुएं में हारकर जंगलों में अज्ञातवास झेल रहे थे, तब द्रौपदी ने इस संकट से मुक्ति पाने के लिए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की कठिन साधना से जुड़ा छठ व्रत किया था। छठ व्रत की पूजा के शुभ प्रभाव से पांडवों को अपना खोया हुआ राजपाठ मिल गया था। छठ पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। प्रतिदिन घंटों पानी में खड़े होकर प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव की साधना किया करते थे। भगवान सूर्य की साधना से मिले आशीर्वाद से वे एक महान योद्धा बने।