स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: 1951 से किंग्सवे यानी राजपथ पर समारोह होने लगे, ताकि अधिक संख्या में लोग समारोह देख सकें। पुराने दस्तावेजों के मुताबिक उस वर्ष सुबह के वक्त परेड हुई तथा अदम्य साहस के लिए सेना के चार रणबांकुरों को सर्वोच्च अलंकरण परमवीर चक्र से नवाजा गया।