चिरेका ने रचा इतिहास, वित्त वर्ष 2024-25 में किया 700 लोकोमोटिव का उत्पादन

अमृत भारत ट्रेनों के लिए डब्लूएपी-5 पुश-पुल एरोडायनामिक लोको (एक जोड़ा), डब्लूएजी -9एचसी ट्विन लोको (एक जोड़ा) और डब्लूएजी -9एचसी लोको को देश के प्रमुख लोकोमोटिव निर्माता चिरेका के कारखाना स्थित गोलिएथ यार्ड से वित्तीय वर्ष 2024 - 25  में

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Jagganath Mondal
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Chireka creates history

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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन 30 मार्च को इतिहास रचते हुए सर्वाधिक 700 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का उत्पादन करके इतिहास के पन्नों में अपना स्वर्णिम नाम दर्ज करा लिया है। 30 मार्च को 5 नए इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव,अर्थात् अमृत भारत ट्रेनों के लिए डब्लूएपी-5 पुश-पुल एरोडायनामिक लोको (एक जोड़ा), डब्लूएजी -9एचसी ट्विन लोको (एक जोड़ा) और डब्लूएजी -9एचसी लोको को देश के प्रमुख लोकोमोटिव निर्माता चिरेका के कारखाना स्थित गोलिएथ यार्ड से वित्तीय वर्ष 2024 - 25  में निर्मित 700वें लोकोमोटिव को अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में चिरेका महाप्रबंधक विजय कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मौके पर नारियल फोड़े गए और मिठाईयां बांटी गयी। इस मौके पर प्रधान विभागाध्यक्ष, अधिकारी , कर्मचारी और विशेष रूप से मार्च माह में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी गण उपस्थित थे। मालूम हों कि चिरेका ने 544 और चिरेका सहायक इकाई डानकुनी ने 156 कुल 700 रेल इंजन उत्पादन किया। समारोह के दौरान महाप्रबंधक  विजय कुमार ने सीएलडब्ल्यू मुख्य इकाई और इसके दानकुनी सहायक इकाई के कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि मजबूत टीम वर्क के कारण यह बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है।

जानकारी देते हुए चिरेका जन संपर्क अधिकारी चित्रसेन मंडल ने बताया कि “यह सफलता किसी भी वित्तीय वर्ष में सीएलडब्ल्यू द्वारा अब तक का सबसे अधिक वार्षिक लोकोमोटिव उत्पादन आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 में 580 रेल इंजन बनाया गया था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 700 रेल इंजन का आंकड़ा विगत वर्ष से कहीं अत्यधिक है। ज्ञात हो कि भारत में किसी भी उत्पादन इकाई द्वारा रेलवे लोकोमोटिव विनिर्माण क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया गया है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ, सीएलडब्ल्यू इस अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करने वाली एकमात्र इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उत्पादन इकाई बन गई है। भारतीय रेल के विद्युतीकरण पर जोर देने के साथ, ये इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव न केवल रेल यातायात को सुचारू बनाएंगे बल्कि ईंधन लागत में पर्याप्त बचत और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी मदद करेंगे। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को ससमय पूरा करने में सीएलडब्ल्यू के समर्पित कर्मचारियों और अधिकारियों का योगदान बहुमूल्य है। पिछली तिमाही में मासिक उत्पादन के आंकड़ों में उल्लेखनीय वृद्धि कर रिकॉर्ड जनवरी 2025 में 66, फरवरी 2025 में 69 , मार्च में 75 यह आंकड़ा किसी भी महीने में अब तक का सबसे अधिक उत्पादन संख्या है। मार्च-2024 के दौरान- 8469 कर्मचारियों से द्वारा हमने 580 लोकोमोटिव का उत्पादन किया  और अब मार्च-2025- 7967 कर्मचारियों के साथ हमने 700 लोकोमोटिव का उत्पादन किया। चित्रसेन मंडल ने बताया कि वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उत्पादन क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई। जिसे टीम वर्क और कार्यकुशल कर योजना के साथ समय रहते पूरा कर लिया गया।