स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : नए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 को सबसे गर्म वर्ष माना गया है और वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि 2024 और भी बदतर हो सकता है। सूखे और बाढ़ से लेकर तीव्र तूफानों तक, दुनिया भर के देश पहले से ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहे हैं।
विज्ञान कहता है कि आज दुनिया को पहले से कहीं अधिक तत्काल तेजी से जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन को कम करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपनानेे की आवश्यकता है। यहां बताया गया है कि इसका क्या मतलब है और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं: जैसे-जैसे वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी है, हम समुद्र के बढ़ते स्तर, मजबूत तूफान, बढ़ते सूखे, जंगल की आग और यहां तक कि अपने स्वास्थ्य को भी जोखिम में डालते हैं।