एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाते हुए कहा कि कंपनी भ्रामक विज्ञापन मामले में उसके आदेश का पालन नहीं कर रही है। जब अदालत ने मूल दस्तावेज मांगे तो पीठ ने विज्ञापनों की ई-प्रतियां बनाने के लिए कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा, ''यह सहमति नहीं है।'' जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा, "मैं इस मामले में अपना हाथ उठाती हूं। यह पर्याप्त है कि हमारे आदेशों का पालन नहीं किया जाता है।" सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कंपनी सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांग रही है, सुप्रीम कोर्ट इस पर गौर कर रहा है। बाबा रामदेव और बालकृष्ण दोनों कोर्ट में मौजूद हैं। उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि पतंजलि और उसकी सहायक कंपनी दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों का विनिर्माण लाइसेंस 15 अप्रैल से निलंबित कर दिया गया है।
अदालत ने कहा, “यह दर्शाता है कि एक बार जब आप कुछ करना चाहते हैं, तो आप उसे बिजली की गति से करते हैं, लेकिन यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो वर्षों तक कुछ भी नहीं होता है। आपने तीन दिनों के भीतर सभी उपाय कर लिये हैं। कार्यभार संभालने के बाद पिछले नौ महीने से आप क्या कर रहे थे? अंततः, आपको एहसास होता है कि आपके पास शक्ति और जिम्मेदारी है। आख़िरकार आप जाग गए।"