स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : ताजमहल को लेकर छिड़ी नई बहस के बीच इतिहासकारों का कहना है कि यह विश्व विरासत है। इसे धार्मिक रंग न दिया जाए। ताजमहल के तहखाने में बने 20 कमरों को खोलने की याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और देश के नामी गिरामी संस्थानों के लिए तहखाना कई बार खुला है। ताजमहल की मजबूती परखने के लिए समय-समय पर तहखाने में जाकर इसका सर्वे किया गया है। वहीं इतिहास के जानकारों का कहना है कि ये कमरे कोर्ट की निगरानी में खोले जाएं और वीडियोग्राफी भी कराई जाए।
सूत्रों को मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा है कि ताजमहल जैसी विश्व धरोहर को धार्मिक रंग देने की साजिश हो रही है। मैं नहीं चाहता कि तहखाने खोले जाएं। उसका कोई प्रयोजन तो हो। यह जिस मकसद से मांग की जा रही है, वह गलत है। कोई भी कहीं से आकर मांग करेगा और उस पर आदेश हों, यह गलत है।