स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: जम्मू-कश्मीर में मौजूद स्थानीय एवं विदेशी आतंकी, अब हमले की तरकीब बदल रहे हैं। पहले 'एके-47' जैसी स्वचालित राइफलों के जरिए सीधा हमला या मुठभेड़ होती थी। हालांकि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जो आतंकी मारे जाते हैं, वहां पर एके-47 और पिस्तौल, दोनों तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 'हाइब्रिड' आतंकी, पिस्तौल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है, सीमा पार के बड़े आतंकी संगठनों से जुड़े 'हाइब्रिड' टेररिस्ट अब 'टारगेट किलिंग' पर फोकस कर रहे हैं। वजह, इसमें आतंकियों के बच निकलने की ज्यादा संभावना रहती है। सीधी मुठभेड़ में आतंकी मारे जाते हैं। घाटी में नए आतंकियों की भर्ती नहीं हो पा रही है। सीमा पार से होने वाली घुसपैठ पर भी काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है। ऐसे में आतंकी संगठन अब, 'हाइब्रिड' टीम को टारगेट किलिंग के लिए सक्रिय कर रहे हैं।