मैथन के समीप होदला जंगल को वीरान करने की साजिश, विरोध में उतरे आदिवासी समुदाय के लोग

वही स्थानीय लोगो का आरोप है कि कुछ भु-माफिया राजनीति सहयोग से पैसों के दम पर क्षेत्र के खाली पड़ी भूमि समेत वन एवं राज्य सरकार की भूमि को अपने नाम पर करवा कर विक्री कर रहे है। और अब उनकी नजर होदला समेत क्षेत्र के जंगलों पर है।

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Kalyani Mandal
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राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़: वन विभाग आज क्षेत्र में नाम की भूमिका निभा रहा है। प्राये क्षेत्र में अवैध रूप से वनों और पेड़ों की कटाई की सूचना मिलती रहती है बाउजूद वन विभाग की सक्रियता नाम की है। ताजा मामला मैथन डैम के समीप होदला के जंगल का है जहाँ दिनदहाड़े पिछले 15 दिनों से पेड़ो की कटाई अन्धाधुन्ध की कई और वन विभाग अधिकारी बेखबर थे। बता दे होटल कारोबारी एवं कुछ लोगो ने राजनीति एवं प्रशासनिक सहियोग से होदला के घने जंगल के बीच सैकड़ो पेडों को काट कर क्षेत्र की प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट कर दिया। बुधवार वनों की कटाई के खिलाफ आदिवासी समुदाय के 22 मोजा लो एवं खैरवाल के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय के स्थानीय लोगो ने प्रदर्शन शुरू करते हुये कानूनी कार्यवाही की मांग की और आरोप लगाया कि वन विभाग अधिकारी के बिना मदद के अवैध तरीके से वनों को कैसे काटा जा सकता है। वही घटना पर पहुँचे होदला विट अधिकारी जुरण नाथ के सामने उक्त स्थान से आदिवासी समुदाय के लोगो  घटनास्थल से राजीव मुर्मू नाम के एक व्यक्ति को पेड़ो की कटाई कराने के दौरान मौके पर ही पकड़ लिया गया। जहाँ रजीव ने बताया कि रूपनारायणपुर के चितो माझी नाम का एक व्यक्ति समेत बथानबाड़ी के बिमल गोराई, जाकिर अंसारी के निर्देश पर पेड़ो की कटाई की बात कबूल की और बताया कि उक्त जमीन पर पार्क एवं रिसोर्ट बनाने की योजना है। 



आदिवासी 22 मोजा परगना रंजीत सोरेन ने बताया कि मौजूदा भूमि पर लगे वनों को बिना अनुमति के काटा जा रहा है और क्षेत्र में रह रहे लोगो के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है । निजी लाभ के लिये कुछ कारोबारी क्षेत्र को वन विहीन बनाने की कोशिश कर रहे है, उन्होंने ने आरोप लगाया की पूरे मामले में वन विभाग की मिलीभगत है नही तो करीब 15 दिनों से जंगल मे हो रही कटाई पर कारवाई क्यो नही की गई और अब भी मामले को दबाने के लिये बिट अधिकारी बोल रहे है कि सिर्फ पेड़ो की छटाई की गई है। जबकि भारी संख्या में पेड़ों को काट दिया गया है।



वही होदला बीट अधिकारी जुरण नाथ ने बताया कि उन्हें जानकारी नही थी जानकारी मिलते ही उक्त स्थान पर पहुचने पर देखा गया की पेड़ो की कटाई की गई है और एक व्यक्ति को मौके से पकड़ा गया जिसने कुछ लोगो के नाम बोले है, यहाँ पर कंस्ट्रक्शन के समान भी रखे है । हमलोग जाँच कर रहे है और मामले में कानूनी कारवाई की जायेगी।



होटल कारोबारी अचितो माझी ने बताया कि दो आदिवासी समुदाय की आपसी विवाद है। उक्त भूमि खरीदी गई है, वहाँ ईको टूरिज्म बनाया जायेगा जिसके किये पेडों भी लगाये जांयेंगे, इसलिए झाड़ियों को साफ किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने देखा है और वहां पर पेड़ों की कटाई नही की गई है। वही उक्त भूमि उनकी कैसे और वन संरक्षित क्षेत्र के बीचों बीच उनकी भूमि कैसे हो गई इसपर उन्होंने ने कहा कि भूमि के सभी कागजात है। 



वही स्थानीय लोगो का आरोप है कि कुछ भु-माफिया राजनीति सहयोग से पैसों के दम पर क्षेत्र के खाली पड़ी भूमि समेत वन एवं राज्य सरकार की भूमि को अपने नाम पर करवा कर विक्री कर रहे है। और अब उनकी नजर होदला समेत क्षेत्र के जंगलों पर है। जिसे धीरे धीरे निजी करने की साजिश चल रही है और भविष्य में यहाँ के वनों को खत्म कर दिया जायेगा।



कल्याणेश्वरी फाड़ी पुलिस वन विभाग के कर्मचारियों के साथ घटनास्थल पर मौजूद है।