केंदा में क़ैद कोयला चोरी की लाइव तस्वीरें

सीआईएसएफ और ईसीएल के सुरक्षा कर्मियों कि संयुक्त टीम ने केंदा गांव के भगवती मंदिर क्षेत्र में दबिश डाली थी लेकिन तस्करों ने निकटवर्ती भगवती मंदिर में छुपाकर रखी गई कोयले की बोरियों को हटा दिया था।

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Jagganath Mondal
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Coal theft in Kenda

Coal theft in Kenda

एएनएम न्यूज, ब्यूरो: जामुड़िया के केंदा गांव में दिन के उजाले में ओसीपी से कोयला चुराकर गाँव के विभिन्न स्थानों में बोरियों में रखा जा रहा है। फिर रात के अंधेरे में, मोटर साइकिल से रोनाई, धंडादिही, बीरभूम और बांकुड़ा के विभिन्न ईंट भट्टों में यह कोयला पहुंचाया जा रहा है। बता दे केंदा गाँव केंदा फांड़ी से कुछ दूरी पर स्थित है। प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर मोटर साइकिल के माध्यम से रात के अंधेरे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोयले की तस्करी की जा रही है।

 
 
स्थानीय लोगो का सवाल है कि क्या प्रशासन को सचमुच इस कोयला तस्करी के बारे में मालूम नहीं है या पुलिस किसी के दबाव में नज़रें फेर रही है। हालांकि लगभग एक महीने पहले सीआईएसएफ और ईसीएल के सुरक्षा कर्मियों कि संयुक्त टीम ने केंदा गांव के भगवती मंदिर क्षेत्र में दबिश डाली थी लेकिन तस्करों ने निकटवर्ती भगवती मंदिर में छुपाकर रखी गई कोयले की बोरियों को हटा दिया था। 

इस बारे में भाजपा के मंडल दो अध्यक्ष रमेश घोष ने कहा कि जो कोयले की तस्करी की जा रही है उसमें पुलिस प्रशासन का प्रत्यक्ष सहयोग है और इसमें टीएमसी के नेताओं की भी मिली भगत है क्योंकि बिना सत्ता पक्ष की मदद के इस तरह की तस्करी नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन और सत्ता पक्ष के नेताओं के प्रत्यक्ष सहयोग से कोयले की तस्करी हो रही है। वही टीएमसी अध्यक्ष संदीप बनर्जी ने कहा कि कोयले की तस्करी के बारे में जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसकी जांच होनी चाहिए उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुछ अधिकारी सीआईएसएफ और कोलियरी के सुरक्षा अधिकारियों की मिलीभगत है। उन्होंने साफ कहा कि अगर इस तस्करी में टीएमसी का कोई नेता या कार्यकर्ता लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।