Independence Day 2023: वे 7 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जिनका योगदान किताबों में दर्ज

Indian Freedom Fighters (स्वतंत्रता सेनानी) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानते है-

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Ankita Kumari Jaiswara
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 INDEPENDENCE DAY

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : आइए नीचे Indian Freedom Fighters (स्वतंत्रता सेनानी) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानते है-

1. महात्मा गांधी

Indian Freedom Fighters - Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे। महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और ‘राष्ट्रपिता’ माना जाता है। महात्मा गांधी Indian Freedom Fighters in Hindi मे से एक महान व्यक्ति थे।

महात्मा गांधी के बारे में 10 रोचक तथ्य 

  • गांधी जी की मातृभाषा गुजराती थी।
  • गांधी जी ने अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट से पढ़ाई की थी
  • गांधी जी का जन्मदिन 2 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जाता है।
  • महात्मा गांधी जी अपने माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी।
  • उनके  पिता धार्मिक रूप से हिंदू तथा जाति से मोध बनिया थे।
  • माधव देसाई, गांधी जी के निजी सचिव थे।
  • उनकी हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी।
  • गांधी जी और प्रसिध्द लेखक लियो टोलस्टोय के बीच लगातार पत्र व्यवहार होता था।
  • गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दौरान , जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी।  
  • 1930 में, उन्होंने दांडी साल्ट मार्च का नेतृत्व किया और 1942 में, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन चलाया।

2. सुभाष चंद्र बोस

Indian Freedom Fighter - Subhash Chandra Bose

हमारे देश के एक महान Indian Freedom Fighters in Hindi (स्वतंत्रता सेनानी) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था, उनके पिताजी कटक शहर के मशहूर वकील थे। सुभाष चंद्र बोस कुल मिलकर 14 भाई बहन थे। सुभाष चंद्र बोस एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ उन्होंने ने ही हमारे भारत को यह नारा दिया। जिससे भारत के कई युवा वर्ग भारत से अंग्रेजों को बाहर निकालने की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित हुये। नेताजी ने चितरंजन दास के साथ काम किया जो बंगाल के एक राजनीतिक नेता, शिक्षक और बंगलार कथा नाम के बंगाल सप्ताहिक में पत्रकार थे। बाद में वो बंगाल कांग्रेस के वालंटियर कमांडेंट, नेशनल कॉलेज के प्रिंसीपल, कलकत्ता के मेयर और उसके बाद निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रुप में नियुक्त किये गये।

सुभाष चंद्र बोस द्वारा बोले गए अनमोल वचन

  • “तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा !”
  • “ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी,  हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए”
  • “आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके”
  • “मुझे यह नहीं मालूम की स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे ! परन्तु में यह जानता हूँ ,अंत में विजय हमारी ही होगी !”
  • “राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है “
  • “भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी सृजनात्मक शक्ति  का  संचार  किया  है  जो सदियों से लोगों के अन्दर से  सुसुप्त पड़ी थी “
  • “मेरे  मन  में  कोई  संदेह  नहीं  है  कि  हमारे  देश  की  प्रमुख समस्यायों जैसे गरीबी ,अशिक्षा , बीमारी ,  कुशल  उत्पादन  एवं   वितरण  का समाधान  सिर्फ  समाजवादी  तरीके  से  ही  की  जा  सकती  है “
  • “यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े तब वीरों की भांति झुकना !”
  • “समझोतापरस्ती बड़ी अपवित्र वस्तु है !”
  • “मध्या भावे गुडं दद्यात — अर्थात जहाँ शहद का अभाव हो वहां गुड से ही शहद का कार्य निकालना  चाहिए !”

3. सरदार वल्लभभाई पटेल

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नादिद ग्राम में हुआ था, जिन्होंने Indian Freedom Fighters in Hindi बनके अंग्रेजी लोगों को देश से बगाया था। उनके पिता झवेरभाई पटेल एक साधारण किसान और माता लाड बाई एक साधारण महिला थी। बचपन से ही पटेल कड़ी महेनत करते आए थे, बचपन से ही वे परिश्रमी थे।  पेटलाद की एन.के. हाई स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने 1896 में अपनी हाई-स्कूल परीक्षा पास की। स्कूल के दिनों से ही वे हुशार और विद्वान थे। भारत माता की स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था इसी वजह से उन्हें भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने अपने जीवन में महात्मा गाँधी जी से प्रेरणा ली थी और स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेकर अपना योगदान दिया था।हमारे भारत के इतिहास में सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा और हमारा भारत हमेशा इस महान , साहसी , निडर , निर्भयी , दबंग , अनुशासित , अटल महान पुरुष को याद करेगा।

प्रमुख विचार

  • जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती
  • कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं
  • उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये
  • हमें अपमान सहना सीखना चाहिए
  • बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है
  • शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये, पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है
  • आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखें को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये

4. जवाहरलाल नेहरू

indian Freedom Fighters - Jawaharlal Nehru

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को ब्रिटिश भारत में इलाहाबाद में हुआ। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू (1861–1931), एक धनी बैरिस्टर जो कश्मीरी पण्डित समुदाय से थे, स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए। उनकी माता स्वरूपरानी थुस्सू (1868–1938), जो लाहौर में बसे एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी, मोतीलाल की दूसरी पत्नी थी व पहली पत्नी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी। जवाहरलाल तीन बच्चों में से सबसे बड़े थे, जिनमें बाकी दो लड़कियाँ थी। बड़ी बहन, विजया लक्ष्मी, बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी। सबसे छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग, एक उल्लेखनीय लेखिका बनी और उन्होंने अपने भाई पर कई पुस्तकें लिखी। जवाहरलाल नेहरु जी को 1955 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जवाहरलाल नेहरू जी को पंडित नेहरू और चाचा नेहरू भी कहा जाता है, साथ ही में उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पकार भी कहा जाता है। जवाहरलाल नेहरु जी को सभी बच्चे चाचा नेहरू कहा करते थे, इस वजह से जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन 14 नवंबर को हर वर्ष बाल दिवस मनाया जाता है।

5. लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तरप्रदेश में ‘मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव’ के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम ‘रामदुलारी’ था। उनके पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। ऐसे में सब उन्हें ‘मुंशी जी’ ही कहते थे। लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।शास्त्री जी ने जय जवान – जय किसान का नारा दिया था।1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध शास्त्रीजी के कार्यकाल में लड़ा और जीता गया था। 11 जनवरी 1966 की रात को ताशकंत में शास्त्री जी की संदिग्ध मृत्यु हो गई थी। शास्त्री जी के समाधि स्थल का नाम विजय घाट है।

लाल बहादुर शास्त्री जी के अनमोल विचार

  • हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं, न केवल अपने लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए।
  • शासन का मूल विचार, जैसा कि मैं इसे देखता हूं, समाज को एक साथ रखना है ताकि यह निश्चित लक्ष्यों की ओर विकसित हो सके और मार्च कर सके।
  • भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा, अगर एक भी ऐसा व्यक्ति बचा हो जिसे अछूत कहा जाए।
  • हम दुनिया में सम्मान तभी जीत सकते हैं जब हम आंतरिक रूप से मजबूत होंगे और अपने देश से गरीबी और बेरोजगारी को दूर कर सकते हैं।
  • हमारे देश की अनोखी बात यह है कि हमारे पास हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी और अन्य सभी धर्मों के लोग हैं। हमारे पास मंदिर और मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च हैं। लेकिन हम यह सब राजनीति में नहीं लाते … भारत और पाकिस्तान के बीच यही अंतर है।
  • हमारा देश अक्सर आम खतरे के सामने एक ठोस चट्टान की तरह खड़ा हो गया है, और एक गहरी अंतर्निहित एकता है जो हमारी सभी प्रतीत होती विविधता के माध्यम से एक सुनहरे धागे की तरह चलती है।
  • हमें शांति से लड़ना चाहिए क्योंकि हम युद्ध में लड़े थे।
  • हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है – घर में एक समाजवादी लोकतंत्र का निर्माण, सभी के लिए स्वतंत्रता और समृद्धि, और विश्व शांति और विदेश में सभी देशों के साथ मित्रता का रखरखाव।
  • हम शांति के माध्यम से सभी विवादों के निपटारे में, युद्ध के उन्मूलन में, और, विशेष रूप से, परमाणु युद्ध में शांति में विश्वास करते हैं।
  • हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा में विश्वास करते हैं, जो भी उसकी जाति, रंग या पंथ और बेहतर, पूर्ण, और समृद्ध जीवन के लिए उसका अधिकार है।

6. भगत सिंह

Indian Freedom Fighters - Bhagat Singh

भगत सिंह जी का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पाकिस्तान के बंगा में हुआ था। भगत सिंह जी के पिता का नाम सरदार किशन सिंह संधू था और माता का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह जी एक सिक्ख थे। भगत सिंह जी की दादी ने इनका नाम भागाँवाला रखा था क्योंकि उनकी दादी जी का कहना था कि यह बच्चा बड़ा भाग्यशाली होगा।भगत सिंह वास्तव में एक सच्चे देशभक्त थे। न केवल उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि इस घटना में अपनी जान तक दे दी। उनकी मृत्यु ने पूरे देश में उच्च देशभक्ति की भावनाएं पैदा कीं। आज भी Indian Freedom Fighters in Hindi में सबसे प्रसिद्ध भगत सिंह जी का नाम बड़े अदब और इज़्ज़त से लिया जाता है।

भगत सिंह के अनमोल विचार

  • मेरी गर्मी के कारण राख का एक एक कण चलायमान हैं में ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ।
  • क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरुरी नहीं यह बम और पिस्तौल की राह नहीं है।
  • जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परम्परागत चलन की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।
  • मैं यह मानता हूँ की मह्त्वकांक्षी, आशावादी एवम जीवन के प्रति उत्साही हूँ लेकिन आवश्यकता अनुसार मैं इस सबका परित्याग कर सकता हूँ सही सच्चा त्याग होगा।
  • कोई भी व्यक्ति तब ही कुछ करता है जब वह अपने कार्य के परिणाम को लेकर आश्व्स्त (औचित्य) होता है जैसे हम असेम्बली में बम फेकने पर थे।
  • कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के गुण है।
  • मैं एक इन्सान हूँ और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।

7. दादा भाई नौरोजी

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दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितंबर, 1825 को मुम्बई के एक ग़रीब पारसी परिवार में हुआ। जब दादाभाई 4 वर्ष के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया। उनकी माँ ने निर्धनता में भी बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई। उच्च शिक्षा प्राप्त करके दादाभाई लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ाने लगे थे। 1885 में दादाभाई नौरोजी ने एओ ह्यूम द्वारा स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह तीन बार (1886, 1893, 1906) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। Indian Freedom Fighters in Hindi में से एक दादाभाई नौरोजी का हमारी आज़ादी में बहुत बड़ा हाथ है।

दादाभाई नौरोजी की प्रमुख पुस्तकें

  • पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया
  • स्पीच एंड राइटिंग
  • ग्रांट ऑफ इंडिया
  • पावर्टी इन इंडिया