एएनएम न्यूज, ब्यूरो: लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर रवीन्द्र सारणी में फुटपाथ पर सो रहे ये लोग कौन हैं? वे कहां से आये हैं और वहां क्यों हैं? एएनएम न्यूज़ ने उनके जैसे कई अन्य लोगों को इंडिया एक्सचेंज प्लेस, टी बोर्ड के किनारे फुटपाथों और मध्य कोलकाता के आसपास के इलाकों में देखा। हमने उनमें से कुछ से बात की और उन्होंने बताया कि वे विस्थापित शरणार्थी हैं। कहां से? उनके पास कोई जवाब नहीं था। वे अपना दिन कैसे बिताते हैं और खाने के लिए पैसे कैसे कमाते हैं? ``हम भीख मांगते हैं और किसी तरह जीवित रहते हैं,'' उनका जवाब था।
स्थानीय निवासियों ने एएनएम न्यूज़ को बताया कि हाल ही में इन लोगों की अवैध आमद में वृद्धि हुई है और वे फुटपाथों पर कब्जा कर रहे हैं और भिक्षा से दूर रह रहे हैं। रवीन्द्र सरानी के एक स्थानीय निवासी एस साहा ने कहा, ''वे इलाके को गंदा करते हैं क्योंकि वे इलाके में अपनी प्रकृति के अनुसार काम करते हैं।'' राज्य का आवारागर्दी विभाग, जिसे सड़कों से दूर रहने वाले लोगों की निगरानी और देखभाल करनी है, लगभग निष्क्रिय हो गया है और इस मुद्दे पर बोलने के लिए कोई भी अधिकारी उपलब्ध नहीं है। कोलकाता नगर निगम ने इस संबंध में असहायता की दलील दी।