स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: बहुत सारे लोग थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित हैं इसके बावजूद इसके बारे में जागरूकता की आज भी कमी है। तो इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 8 मई को 'विश्व थैलेसीमिया दिवस' के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि थैलेसीमिया ख़ून से संबंधित एक आनुवंशिक बीमारी है। भारत में थैलेसीमिया का पहला मामला 1938 में सामने आया था। थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चे के शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ने लगती है। आयरन बढ़ने से लिवर, हृदय पर दुष्प्रभाव होने लगता है।