टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : 100 दिन के काम के लिए 30 रुपये देने का आरोप लगाते हुए कर्मीयों ने काम रोक दिया और कांकसा में मलंदीघी ग्राम पंचायत कार्यालय का फावड़े कुदाली और टोकरियों से लैस होकर घेराव किया। मंगलवार की घटना से इलाके में तनाव पसर गया और मौके पर पुलिस की विशाल टीम पहुंची। कुलडीहा क्षेत्र में 100 दिन के श्रमिकों की शिकायतों है कि उनके पारिश्रमिक का भुगतान निर्धारित समय से अधिक काम करने के बाद भी नहीं किया जा रहा है। फिलहाल सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक काम किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई चरणों में 100 दिनों का काम किया गया है। लेकिन अभी तक उन्हें पूरा पैसा नहीं मिला है। फिलहाल नाप कर काम किया जा रहा है लेकिन उस काम के लिए कुछ लोगों को 30 रुपये तो 50 रुपये और तो 20 रुपये देने की बात कही जा रही है। 100 दिनों के काम के श्रमिकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि कि वे इतने कम पैसे क्यों लेंगे। उनका परिवार कैसे चलेगा। उन्होंने शिकायत है कि कई बार पंचायत को सूचना देने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ। मंगलवार की सुबह कुलडीहा इलाके में 100 दिन का काम चल रहा था। काम के दौरान अचानक उन्हें 30 रुपये मजदूरी देने की बात कही गयी। करीब आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा। घटना की खबर मिलते ही कांकसा के मलंदीघी चौकी की पुलिस मौके पर पहुंच गई और पुलिस के आश्वासन पर घेराव हटाया गया। मलानदीघी ग्राम पंचायत के मुखिया पीयूष मुखर्जी ने भी 100 दिन के कर्मीयों की इस बात से सहमति जताई कि वास्तव में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। 100 दिन के श्रमिकों को उचित वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि केंद्र सरकार उन्हें ठीक से भुगतान नहीं कर रही है। लेकिन पंचायत को आखिरी में उनके साथ खड़ा होना होता है।