टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, जामुड़िया: ईसीएल केंदा एरिया अंतर्गत न्यू केंदा कोलियरी के दो नंबर कहार पाड़ा के पास हुए भीषण भू-धंसान से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। भू-धंसान के कारण 50 फीट चौड़ा व 120 फीट गहरा गड्ढा बन जाने से इलाके के लोग दहशत में हैं। ईसीएल प्रबंधन ने आनन-फानन में शुक्रवार की सुबह से ईसीएल प्रबंधन द्वारा डोजरिंग कर मिट्टी भराई कर अपना पल्ला झाड़ लिया ग या।स्थानीय निवासियों में पूर्व पंचायत सदस्य उमेश राम ने बताया कि गुरुवार की रात करीब साढ़े नौ बजे काफी तेज आवाज के साथ जमीन पूरी तरह धंस गई। उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पहले 2 नंबर कहार पाड़ा में पहली बार भू-धंसान की घटना घटित हुई थी जिस दौरान ईसीएल प्रबंधन द्वारा कुछ लोगों को अन्यत्र स्थांतरित किया गया लेकिन बाकी लोगों को पुनर्वासित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों को पुनर्वासित करने का केवल झांसा ईसीएल प्रबंधन द्वारा दिया जाता है लेकिन नतीजा धाक के तीन पात के बराबर साबित होता है। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक हुए लगातार भरी बारिश के कारण पास में स्थित तालाब पूरी तरह से लबालब भरा हुआ है जिसका पानी रिसाव कर रहा है तथा धंसान क्षेत्र का दायरा बढ़ता चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईसीएल प्रबंधन केवल कोयला उत्पादन पर जोर दे रहा है तथा पास में स्थित न्यू केंदा ओसीपी में जोरदार रूप से ब्लास्टिंग करता है जिससे कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केवल मिट्टी भराई कर खानापूर्ति कर ईसीएल प्रबंधन अपना दायित्व पूरा कर लेती है लेकिन यहां रह रहे हजारों लोग आतंक के साए में दिन रात गुजार रहे है। उन्होंने कहा कि धसान स्थल के बगल में ही न्यू केंदा परसिया मुख्य मार्ग है जिसपर अनेकों लोग प्रतिदिन आवागमन करते है।
जामुड़िया पंचायत समिति सदस्य उदीप सिंह ने कहा कि काफी बड़े दायरे में भू-धंसान हुआ है जो जान माल के लिए काफी खतरनाक साबित होगा। उन्होंने कहा कि ईसीएल प्रबंधन को तत्काल यहां रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर पुनर्वासित करने की व्यवस्था करनी होगी। केंदा भू-धंसान प्रभावित इलाका है जहां धंसान की घटना में ईसीएल के सीनियर ओवरमैन अजय मुखर्जी जमींदोज हो गए बावजूद इसके ईसीएल प्रबंधन पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है। स्थानीय महिला मंजू घोष, सोनी देवी, मंजू कुमारी राम ने बताया कि गुरुवार रात को जोरदार आवाज के साथ घर के पास जमीन बैठ गया जिससे घर के अंदर रहने में भय का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा के पास के तलाव का पानी जमीन के अंदर से गोफ स्थल तक रिसाव कर रहा है जिससे कभी भी कोई बड़ी भू-धंसान की घटना घटित हो सकती है।