टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: रानीगंज के आनंद लोक अस्पताल में नूरजहां खातून नामक एक महिला को आज सुबह गॉलब्लैडर स्टोन की शिकायत की वजह से भर्ती किया गया था। उनका ऑपरेशन होने वाला था लेकिन एनेस्थीसिया देते ही उनकी मौत हो गई। इस बारे में उनके पति अबरार अहमद का आरोप है कि चिकित्सा में लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है। उन्होंने हमें बताया कि उनके पास स्वास्थ्य साथी कार्ड रहने के बावजूद उनसे पैसे लिए गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने चिकित्सक डॉक्टर जेके साव को ₹13000 से कुछ ज्यादा और उनके असिस्टेंट पांडे जी को एक बार ₹10000 से कुछ ज्यादा और एक बार ₹5000 नगद दिया। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से उनकी पत्नी के शारीरिक स्थिति को लेकर कोई भी स्पष्ट बात नहीं कहीं जा रही थी। आज सुबह ही उनको भर्ती किया गया और उनका ऑपरेशन थिएटर ले जाया जा रहा था। अचानक उन्होंने देखा कि अस्पताल के कर्मचारी इधर-उधर भाग दौड़ कर रहे हैं। तब उनको संदेह हुआ और उन्होंने पता लगाने की कोशिश की, तब पता लगा कि उनकी पत्नी की मौत हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आनंद लोक अस्पताल में चिकित्सा की लापरवाही की वजह से उनकी पत्नी की मौत हुई है और उन्होंने अस्पताल और चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।
हालांकि इस बारे में जब हमने डॉक्टर जे के साव से बात की तो उन्होंने कहा कि चिकित्सा में कोई लापरवाही नहीं हुई है। मरीज को आज ही गॉलब्लैडर स्टोन के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। उनका ऑपरेशन होने वाला था लेकिन ऑपरेशन से पहले ही एनेस्थीसिया देते ही किन्ही कारणों से उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अक्सर किसी-किसी मरीज पर दवा का प्रतिकूल असर होता है। जिस वजह से इस तरह के घटना घटती है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि नूरजहां खातून के इलाज में कोई लापरवाही बरती गई है। उन्होंने साफ कहा कि इलाज में लापरवाही की बात तब आती जब ऑपरेशन हुआ होता। लेकिन ऑपरेशन से पहले एनेस्थीसिया देते ही मरीज की मौत हो गई, इसमें इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गई है।