स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: बढ़ता पॉल्यूशन और कोरोना जैसी बीमारियों ने लंग्स की हालत खराब कर दी है। कफ या बलगम की समस्या अब बूढ़े ही नहीं बच्चों और जवान को भी परेशान कर रही है। कई बार कफ किसी न किसी गंभीर बीमारी का सभी संकेत होता है। कफ या बलगम का रंग शरीर के अंदर पल रही कई बीमारियों की जानकारी दे सकता है और इससे आप समय रहते उन बीमारियों पर काबू भी पा सकते हैं। तो चलिए जानें बलगम के रंग से कि ये क्या संकेत देते हैं।
पारदर्शी यानी ट्रांसपेरेंट कफ में काले कण- अगर आपको खांसते हुए ट्रांसपेरेंट कफ आ रहा लेकिन उसमें कुछ काले कण या काले धागे से नजर आ रहे तो समझ लें ये प्रदूषण और धूल कण का संकेत है। छाती में ये प्रदूषण जम गया है और कफ के साथ बाहर आ रहा है।
सफेद रंग का बलगम- सफेद रंग के बलगम टीबी का संकेत होता है। कई बार अस्थमा या सीओपीडी जैसी समस्या में भी सफेद कफ या बलगम नजर आती है। सफेद बलगम फेफड़े में संक्रमण का संकेत देती हैं।
पीला या हरे रंग का बलगम- जब कफ या खांसी के साथ बलगम का रंग पीला या हरे रंग का नजर आए तो ये लंग्स में इंफेक्शन का संकेत है। ऐसा टीबी की स्थिति अधिक खराब होने पर होता है।
गोल्डन चिपचिपा बलगम- बहुत अधिक चिपचिपा और गोल्डन कलर का गाढ़ा कफ या बलगम साइनोसाइटिस की समस्या का संकेत है। ऐसा तब होता है जब नाक में मोल्ड स्पोर्स जैसे इंफेक्शन की समस्या हो।
लाल या गुलाबी रंग का बलगम- बलगम का लाल या गुलाबी रंग का होने का मतलब है फेफड़े की रक्त वाहिकाओं से खून का निकलना। यह कई बार नाक और गले में संक्रमण के कारण भी होता है और वहां होने वाले रक्तस्राव के कारण भी कफ में खून आ सकता है। नाक की सतह बहुत रूखी होने पर भी ऐसा होता है।