एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि 'दुआरे राशन योजना' 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के अधिकार से बाहर है' और 'इसलिए, सरकार की नजर में यह शून्य है। सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए आदेश पर रोक लगा दी। निर्देश दिया कि हाईकोर्ट के सितंबर के फैसले से पहले की "यथास्थिति" को बनाए रखा जाए। बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत में प्रस्तुत किया कि राज्य सरकार की योजना विरोधाभासी नहीं है, बल्कि एनएफएसए की पूरक है। वकील ने तर्क दिया कि अधिनियम राज्य सरकार को अन्य खाद्य-आधारित कल्याणकारी योजनाओं या पोषण-आधारित योजनाओं या "इस अधिनियम के तहत प्रदान किए गए लाभों से अधिक लाभ प्रदान करने वाली योजनाओं" को जारी रखने या तैयार करने का अधिकार देता है। राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता संजय बसु ने बताया कि, "इस पर कोई अगला फैसला आने तक, योजना के कार्यान्वयन को जारी रखने के लिए कोई कानूनी बाधा नहीं है।"