स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी एक हाथ में जप माला और दूसरे में कमंडल धारण करती हैं। वे बहुत ही शांत और सरल स्वाभाव की माता हैं। आइये जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।
पूजा मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट से हुआ है और यह तिथि आज 23 मार्च को शाम 06 बजकर 20 मिनट तक है। आज चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और इंद्र योग बना हुआ है। ये दोनों योग पूरे दिन और रात हैं। आज रेवती नक्षत्र में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र-
पूजा मंत्र: ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
प्रार्थना मंत्र: दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
महत्व-
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। व्यक्ति दृढनिश्चय के साथ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना है। व्यक्ति की संकल्प शक्ति मजबूत होती है। त्याग, ब्रह्मचर्य, वैराग्य, तप जैसे गुणों की प्राप्ति होती है।